मधुमेह और चावल से जुड़ी जानकारी

क्या मधुमेह के मरिज चावल खा सकते हैं?

Written by

Team Diabesmart

Medically Reviewed
Vibhuti Jain

Nutrition Consultant | R&D Head

 

मधुमेह या डायबिटीज के अगर विषय की बात करें, तो क्या इन रोगियों को चावल खाने की अनुमति है? यह एक बड़ा सवाल है जिसपर हम विचार करेंगे। भारत में मिलने वाले विभिन्न प्रकार के चावलों की चर्चा करते हैं। चावल मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं: भूना हुआ 'अनन्न' और अभूना 'दाना'।

चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स उस धारात्मक प्रभाव को दर्शाता है जो खाने या पीने के बाद खुन में ग्लूकोज के स्तर पर पस्ताव डल करता है। इसके साथ ही, हम चावल के सेहत के लाभ और नुकसान भी जानेंगे। यह स्वास्थ्य के संरक्षण, वजन व्यवस्थापन, और मधुमेह मरीजों के लिए खासकर कैसे महत्वपूर्ण है।

इस प्रस्तावना के माध्यम से हम एक मंथन राहते हैं जो हमें चावल पर मधुमेह मरीजों के उपचार में सहायक हो सकता है। मुख्य विषयों की एक संक्षिप्त सारांश देकर हम इस विषय पर अध्ययन करने जा रहे हैं।

चावल के प्रकार और उनके ग्लाइसेमिक इंडेक्स

भारत में विभिन्न प्रकार के चावल प्रायः उपलब्ध हैं और इनमें भिन्न-भिन्न ग्लाइसेमिक इंडेक्स स्तर होते हैं।

कुछ चावल संकरी और कुछ में अधिक ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो मधुमेह मरीजों के लिए अधिक हानिकारक हो सकता है।

मिलने वाले चावल के प्रमुख प्रकारों में बासमती चावल, शहतूत चावल, जीरा चावल आदि शामिल हैं।

बासमती चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जबकि ब्राउन चावल और जौ के चावल का यह स्तर अधिक हो सकता है।

मधुमेह मरीजों को उचित चावल का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि वे नियमित अभ्यास, तनाव कम करना और सही तरह की डाइट से उचित ध्यान रखें।

यदि संभव हो, तो अनुदानित इंसुलिन मात्रा कम रखने में भी मदद मिल सकती है।

क्या चावल खा सकते हैं?

जब बात चावल खाने की होती है, तो मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। चावल में प्राकृतिक चीनी होती है जिससे शरीर का रक्त चीनी स्तर संतुलित बने रहता है। चावल के ग्लाइसेमिक इंडेक्स की चर्चा करते हुए, हमें ध्यान देना चाहिए कि किस प्रकार के चावल का सेवन करना सबसे उपयुक्त होगा।

मधुमेह मरीजों के लिए चावल का सही प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है। उन्हें अधिकतम संतुलित आहार और मात्रामें बनाए रखनी चाहिए। अधिक चावल की मात्रा से ब्लड शुगर स्तर बढ़ सकता है। मधुमेह मरीजों के लिए शुगर को नियंत्रित करने के लिए आयमित मात्रा में चावल का सही सेवन करना जरुरी है।

मुख्यतः, सफ़ेद चावल, ब्राउन चावल और दालिया जैसे अनाज के सेवन से मधुमेह व्यक्ति को लाभ हो सकता है। इनमें अधिक पोषक तत्व होते हैं जो स्वस्थ जीवनशैली के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस दृष्टि से कहा जा सकता है कि मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति विशेषज्ञ की सलाह लेकर उचित प्राकृतिक आहार में समीलित कर सकते हैं।

हां, मधुमेह व्यक्ति चावल खा सकते हैं, लेकिन उन्हें अपने खानपान में संतुलितता और परहेज़ के साथ खाना चाहिए। चावल के सेवन की मात्रा को नियंत्रित रखना और अधिकतम प्राकृतिक चावल का चयन करना बेहतर होता है। साथ ही, डॉक्टर या पोषण सलाहकार की सलाह के अनुसार खाना चाहिए और रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रखने के लिए रोजाना व्यायाम भी किया जाना चाहिए।

चावल के फायदे और नुकसान

चावल के फायदे:

  1. मधुमेह का नियंत्रण: चावल का सेवन ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा को संतुलित रखता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है।

  2. ऊर्जा का स्त्रोत: चावल में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट्स ऊर्जा का अच्छा स्त्रोत होते हैं।

  3. फाइबर का स्रोत: चावल में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन को संभालती है और मधुमेही के लिए उपयोगी होती है।

चावल के नुकसान:

  1. उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स: कुछ प्रकार के चावल, खासकर सफेद चावल, उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स के होते हैं, जो मधुमेही व्यक्ति के रक्त शर्करा को बढ़ा सकते हैं।

  2. कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा: अधिक मात्रा में चावल का सेवन करने से व्यक्ति का वजन बढ़ सकता है, जो मधुमेह को और भी प्रबल कर सकता है।

  3. न्यूट्रिशनल कमी: चावल में अक्सर अन्य पोषक तत्वों की कमी होती है, जैसे कि प्रोटीन और विटामिन्स, जो संतुलित आहार के लिए आवश्यक होते हैं।

अतः, मधुमेही व्यक्ति को चावल का सेवन संज्ञान में लेते हुए, संतुलित और परहेज़ के साथ करना चाहिए।

निष्कर्ष

मधुमेह रोगियों के आहार में चावल को शामिल करने की मात्रा का महत्वपूर्ण है। यह मात्रा को नियंत्रित रखना एवं संतुलित भोजन की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

चावल के अन्यान्य फायदे और नुकसान का भी विचार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह चावल वजन प्रबंधन, हृदय स्वास्थ्य और मधुमेह रोगियों के रक्त चीन्हों पर कैसे प्रभाव डालता है, इसका अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष में स्पष्ट है कि चावल को मधुमेह रोगियों के आहार में संतुलित रूप से शामिल किया जा सकता है।

अत: चावल का उपयोग करते समय मात्रा और संतुलन का ध्यान रखना जरूरी है ताकि मधुमेह रोगियों को आहार में चावल का लाभ मिल सके और किसी भी नुकसान से बचा जा सके।

इस रोग में किसी भी प्रकार का बदलाव या उपचार करने से पहले सदैव अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

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