मधुमेह और दूध: क्या मधुमेह के मरीज दूध पी सकते हैं? इस लेख में जानिए मधुमेह के मरीजों को दूध का सेवन कैसे करना चाहिए।

क्या मधुमेह के मरिज दूध पी सकते हैं?

Written by

Team Diabesmart

Medically Reviewed
Paridhi Kohli

Sr. Nutritionist | R&D Head | Diabetes Educator

 

मधुमेह, जिसे अंग्रेजी में डायबीटीज़ भी कहा जाता है, एक खतरनाक रोग है जो शुगर के स्तर को बढ़ा देता है। यह एक मेटाबोल‍ि‍क विकार है, जिसमें शरीर में इंसुल‍ि‍न का उत्पादन कम होता है या फिर उसका सही प्रभाव नहीं होता है।

मधुमेह को सुधारने में दूध का महत्वपूर्ण योगदान है। दूध में glycemic index अध‍िक होता है, जिससे शरीर में शुगर का स्तर धीरे से बढ़ता है और इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है मधुमेह के मरीजों पर।

मधुमेह के मरीजों के लिए दूध की उचित मात्रा आहर में शामिल करना बेहद महत्वपूर्ण है। दूध को नियमित रूप से पीना और इसकी मात्रा का ध्यान रखना चाहिए। सही विशेषण युक्त दूध, जैसे कि डबल तूफानी, मधुमेह के लिए विशेष रूप से उपयुक्त हो सकता है।

इस सेक्शन से हम जानते हैं कि मधुमेह के मरीजों के लिए दूध का सही सेवन कैसे किया जा सकता है और इससे हानिकारक प्रभाव से कैसे बचा जा सकता है।

दूध और मधुमेह

मधुमेह या डायबिटीज एक अधिकतम कार्बोहाइड्रेट पूर्ण आहार जैसे कि दूध का सेवन या दूध का glycemic index ध्यान में रखकर करना महत्वपूर्ण है। दूध का glycemic index मध्यम होता है, जिससे मधुमेह के मरीजों के लिए एक सुरक्षित और उपयुक्त विकल्प हो सकता है।

दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण, इसे मधुमेह के मरीजों के लिए एक स्वस्थ विकल्प माना जा सकता है। समय-समय पर डॉक्टर से सलाह लेना और दूध के सेवन की उचित मात्रा का पालन करना इन मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

मधुमेह (डायबिटीज) के मरीजों को दूध का सेवन करते समय विशेष सावधानियाँ ध्यान में रखनी चाहिए। यहाँ कुछ सुझाव हैं जो आपको दूध का सही तरीके से सेवन करने में मदद कर सकते हैं:

  1. कम या निम्न फैट वाला दूध: अधिक फैट युक्त दूध से डायबिटीज के लोगों के लिए अधिक वजन बढ़ने का खतरा होता है। इसलिए, कम या निम्न फैट वाले दूध का सेवन करना अधिक उत्तम होता है।

  2. अंकुरित दूध: अंकुरित दूध (स्प्राउटेड मिल्क) एक अच्छा विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और इसमें पोषक तत्वों की मात्रा भी अधिक होती है।

  3. नियमितता: दूध का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। यदि आपका डॉक्टर अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठनों के गाइडलाइन के अनुसार, आपको एक निश्चित मात्रा में दूध का सेवन करने का सुझाव देते हैं, तो उसे पालन करें।

  4. संज्ञान करें अलर्जी के संकेतों का: कुछ लोग दूध या दूध उत्पादों से अलर्जी के प्रति प्रतिक्रिया प्रदर्शित कर सकते हैं। इसलिए, यदि आपको दूध का सेवन करने के बाद किसी भी अलर्जी के संकेत महसूस होते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

  5. अन्य आहार के साथ संतुलित करें: दूध का सेवन करते समय अन्य पोषक तत्वों के साथ संतुलित आहार के साथ लेने का प्रयास करें, जैसे कि फल, सब्जियाँ, और पूरी अनाज।

    दूध (Milk) का पोषण चार्ट

    दूध एक प्रमुख पोषक खाद्य है, जिसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। यहाँ प्रति 100 ग्राम दूध का पोषण चार्ट दिया गया है:

    पोषक तत्व

    मात्रा

    कैलोरी

    42 किलोकैलोरी

    कुल वसा

    1 ग्राम

    - संतृप्त वसा

    0.6 ग्राम

    - बहुअसंतृप्त वसा

    0.2 ग्राम

    - एकलअसंतृप्त वसा

    0.1 ग्राम

    कोलेस्ट्रॉल

    4 मिलीग्राम

    सोडियम

    50 मिलीग्राम

    पोटैशियम

    150 मिलीग्राम

    कुल कार्बोहाइड्रेट

    5 ग्राम

    - शर्करा

    5 ग्राम

    प्रोटीन

    3.4 ग्राम

    कैल्शियम

    125 मिलीग्राम

    आयरन

    0.03 मिलीग्राम

    विटामिन A

    49 IU

    विटामिन C

    0 मिलीग्राम

    विटामिन D

    1.6 IU

    विटामिन B6

    0.04 मिलीग्राम

    विटामिन B12

    0.5 मिक्रोग्राम

मधुमेह में दूध का सेवन

मधुमेह के मरीजों के लिए दूध का सेवन करना काफी महत्वपूर्ण है। दूध में glycemic index कम होता है, जिसके कारण यह उन्हें स्थिर रक्त शर्करा स्तर का लाभ पहुंचाता है। एक उम्मीदवार के दूध में लक्षित भाग मिश्रण का उपयोग करने से यह भी संभव है कि उन्हें शरीर के लिए अधिक लाभ मिले। अतः, मधुमेह के रोगियों को उचित मात्रा में दूध सेवन करना चाहिए।

मधुमेह के रोगियों के लिए एक संभावना है कि वे दूध का सेवन कम मात्रा में करें और प्राथमिक रूप से योग और फलियों का सेवन करें। इसके बावजूद, दूध में मौजूद प्रोटीन और कैल्शियम के कारण उसे संतुलित आहार का हिस्सा बनाना चाहिए। मैं सुझाव देना चाहूंगा कि उन्हें एक सलाहकार या वैद्य से संपर्क करके अपने आहार में दूध की मात्रा के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें।

  1. प्रोटीन का स्रोत: दूध में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर के ऊर्जा स्तर को बनाए रखने में मदद करती है और मांसपेशियों का निर्माण करती है।

  2. कैल्शियम का स्रोत: दूध में कैल्शियम होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने और ओस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी) को रोकने में मदद करता है।

  3. विटामिन डी का स्रोत: दूध विटामिन डी का भी एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है, जो कैल्शियम के संदर्भ में अधिक अवश्यक होता है, ताकि शरीर कई रोगों से बच सके।

  4. रक्त शर्करा की नियंत्रण: अनुमान है कि दूध का सेवन रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है।

  5. साथियों के अधिक उपभोग से कम: उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले अन्य विकल्पों की तुलना में, दूध का ग्लाइसेमिक इंडेक्स क

निष्कर्ष

मधुमेह के मरीजों के लिए दूध का सेवन एक महत्वपूर्ण विषय है। मुझे विश्वास है कि आपको उनके लिए सही मात्रा में दूध का सेवन करने के बहुत सारे फायदे मालूम होंगे।

मधुमेह में दूध का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। डॉक्टर आपको सही तरीके से दूध की मात्रा और सही समय बताएंगे।

अधिक ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले दूध की जगह डेयरी प्रोडक्ट्स में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला दूध उपयोगी हो सकता है।

दूध सबह की नाश्ते में, या फिर दिन में किसी अन्य भोजन के समय, कैसे भी ले सकते हैं। पूरे दिन में दूध की अत्यधिक मात्रा न लें, क्योंकि यह आपके शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।

मधुमेह के मरीजों को दूध सहित उपयुक्त पोषक आहार लेना चाहिए ताकि उनकी सेहत मजबूत रहे और वे अच्छे स्वास्थ्य का आनंद उठा सकें।

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