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क्या मधुमेह के मरिज बेसन खा सकते हैं?

Written by

Team Diabesmart

Medically Reviewed
Paridhi Kohli

Sr. Nutritionist | R&D Head | Diabetes Educator

मधुमेह, जिसे डायबिटीज के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा रोग है जिसमें व्यक्ति के रक्त में शर्करा (ग्लूकोज) का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। यह रोग मुख्यतः इंसुलिन नामक हार्मोन की कमी या उसके प्रभाव में कमी के कारण होता है। इंसुलिन शरीर में ग्लूकोज को ऊर्जा में परिवर्तित करने में मदद करता है।

मधुमेह एक गंभीर रोग है, लेकिन इसे सही तरीके से प्रबंधित किया जाए तो इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है। जीवनशैली में सुधार, स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और डॉक्टर के मार्गदर्शन में दवाइयों का सेवन इस रोग को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जागरूकता और सतर्कता से मधुमेह के साथ स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीना संभव है।

बेसन, एक प्रमुख खाद्य पदार्थ है जो आमतौर पर भारतीय रसोईघरों में उपयोग होता है। यह अनाज अथवा गेहूं के दलिये को भूनकर बनाया जाता है। उसकी खुशबू और स्वाद के कारण यह व्यंजनों में एक पसंदीदा बन गया है।

मधुमेह के मरीजों के लिए बेसन एक स्वस्थ विकल्प हो सकता है अगर इसे सही तरीके से खाया जाए। बेसन में कई पोषक तत्व हैं जैसे प्रोटीन, आयरन, फाइबर आदि जो मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। बेसन के सेवन से उनका रक्त चीनी स्तर भी संतुलित बना रह सकता है।

इसे मसालेदार पकोड़े बनाकर, चीले या चिल्ले के रूप में सेवन किया जा सकता है। इसका सेवन दवा या किसी और रोग निदान की जगह नहीं करता है, लेकिन सही मात्रा में खाने से शरीर को पोषण मिल सकता है। इसे अधिक मात्रा में खाने से उल्टी, खुजली या अन्य साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

मधुमेह (डायबिटीज) में आहार का सही चयन बहुत महत्वपूर्ण होता है। बेसन, जो कि चने से बनाया जाता है, एक पौष्टिक और मधुमेह के लिए उपयुक्त विकल्प हो सकता है। यहाँ कुछ कारण और तरीके हैं जिनसे मधुमेह के रोगी अपने आहार में बेसन को शामिल कर सकते हैं।

बेसन (चना का आटा) का पोषण चार्ट

बेसन, जिसे चने का आटा भी कहा जाता है, पोषण से भरपूर होता है और कई प्रकार के विटामिन और मिनरल्स से युक्त होता है। यहाँ प्रति 100 ग्राम बेसन का पोषण चार्ट दिया गया है:

पोषक तत्व

मात्रा

कैलोरी

387 किलोकैलोरी

कुल वसा

7 ग्राम

- संतृप्त वसा

0.7 ग्राम

- बहुअसंतृप्त वसा

2.9 ग्राम

- एकलअसंतृप्त वसा

2.1 ग्राम

कोलेस्ट्रॉल

0 मिलीग्राम

सोडियम

64 मिलीग्राम

पोटैशियम

846 मिलीग्राम

कुल कार्बोहाइड्रेट

58 ग्राम

- आहार फाइबर

10 ग्राम

- शर्करा

10 ग्राम

प्रोटीन

22 ग्राम

विटामिन A

41 IU

विटामिन B6

0.5 मिलीग्राम

विटामिन C

0 मिलीग्राम

कैल्शियम

45 मिलीग्राम

आयरन

4.86 मिलीग्राम

मैग्नीशियम

166 मिलीग्राम

फॉस्फोरस

318 मिलीग्राम

जिंक

2.81 मिलीग्राम

कॉपर

0.9 मिलीग्राम

मैंगनीज

1.19 मिलीग्राम

फोलेट

437 माइक्रोग्राम

बेसन के फायदे मधुमेह के लिए:

  1. लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI): बेसन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि इसे खाने के बाद रक्त शर्करा स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है। यह मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।

  2. उच्च फाइबर सामग्री: बेसन में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन को सुधारने और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करती है।

  3. प्रोटीन की उच्च मात्रा: बेसन में प्रोटीन की उच्च मात्रा होती है, जो भूख को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है और लंबे समय तक पेट भरे रहने का अहसास दिलाती है।

  4. विटामिन और मिनरल्स: बेसन में विभिन्न विटामिन और मिनरल्स होते हैं जैसे कि विटामिन B6, मैग्नीशियम, और आयरन, जो संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

बेसन को आहार में शामिल करने के तरीके:

  1. बेसन चीला:

    • बेसन, बारीक कटी हुई सब्जियाँ (जैसे प्याज, टमाटर, पालक), हल्दी, नमक और हरी मिर्च मिलाकर घोल बनाएं। नॉन-स्टिक तवे पर थोड़े से तेल में पकाएं। यह नाश्ते या हल्के भोजन के रूप में बहुत पौष्टिक होता है।

  2. बेसन की रोटी:

    • गेंहू के आटे के साथ बेसन मिलाकर रोटियाँ बना सकते हैं। इसमें मेथी के पत्ते या पालक भी मिला सकते हैं। यह रोटी नियमित रोटी से अधिक पौष्टिक और मधुमेह के लिए उपयुक्त होती है।

  3. बेसन का ढोकला:

    • बेसन, हल्दी, अदरक-लहसुन पेस्ट, नमक और खट्टा दही मिलाकर घोल बनाएं। इसे स्टीम करके ढोकला बनाएं। यह कम तेल में बना होता है और पौष्टिक भी होता है।

  4. बेसन की कढ़ी:

    • बेसन, दही, हल्दी, नमक और पानी मिलाकर घोल बनाएं। इसे धीमी आंच पर पकाएं और इसमें पके हुए सब्जियाँ डाल सकते हैं। यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन होता है।

  5. बेसन के लड्डू:

    • बेसन को धीमी आंच पर घी में भूनें। इसमें कम मात्रा में गुड़ या शुगर फ्री विकल्प मिलाएं। यह मिठाई का एक हेल्दी विकल्प हो सकता है, लेकिन इसे संयम से खाएं।

मात्रा का ध्यान

  1. मात्रा नियंत्रित करें:

    • प्रतिदिन 1 से 2 सर्विंग्स (लगभग 30-50 ग्राम बेसन) की मात्रा सुरक्षित मानी जा सकती है।

    • इस मात्रा को दिनभर में विभाजित करें और इसे अन्य खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर खाएं।

  2. संतुलित आहार का हिस्सा:

    • बेसन का सेवन संतुलित आहार के हिस्से के रूप में करें। इसे प्रोटीन, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों के साथ संतुलित करें।

    • सुनिश्चित करें कि आप अन्य स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट स्रोतों (जैसे सब्जियाँ, फलियां) को भी शामिल करें।

निष्कर्ष

जब हम बेसन की विविधताओं और मधुमेह रोगियों के लिए इसके फायदों पर चर्चा करते हैं, तो हम उन्हें समझने और उनका उपयोग समझने के लिए ध्यानपूर्वक विचार करते हैं।

बेसन एक प्राकृतिक खाद्य पदार्थ है जिसमें ऊर्जा, प्रोटीन, फाइबर, और विटामिन बी होते हैं। इसका सेवन सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।

मधुमेह रोगियों के लिए बेसन से भरपूर होना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका ग्लाइसीमिक इंडेक्स मध्यम होता है जिससे रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है।

बेसन को टुकड़ों में मिश्रित करके विभिन्न विधियों से खाया जा सकता है, जैसे की बेसन का चीला, पकोड़ा, या हलवा। इन विधियों का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।

समाप्ति में, हमने मुख्य बिंदुओं को दोहराया और अंत में, आम मंगल आर्टिकल का संक्षेपित सारांश पेश किया गया। उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।

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References